IAS Success story | कठिनाइयों का सामना कर इस तरह रितिका बनी IAS

कठिनाइयों का सामना कर इस तरह रितिका बनी IAS

Success Story of IAS Ritika Jindal :-

यूपीएससी की तैयारी करने का सफर हर किसी के लिए अलग-अलग होता है। कोई पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्त कर लेता है। तो किसी किसी को कई प्रयास करने पड़ते हैं तब जाकर सफलता मिलती है।

कई लोग तो ऐसे भी होते हैं जिन्हें आखिर तक भी सफलता नहीं मिलती है। यूपीएससी की तैयारी बेहद कठिन मानी जाने वाली तैयारी होती है।

हर किसी की जिंदगी में कई तरह की उथल-पुथल रहती है और उसी के साथ व्यक्ति अपनी तैयारी करता है। आज हम एक ऐसी कहानी लेकर आए हैं जो कठिनाई का सामना करके बनी आईएस।

जी हां हम बात कर रहे हैं आईएएस अधिकारी रितिका जिंदल की। रितिका ने 22 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा पास करके अपना आईएएस बनने का सपना पूरा कर दिया है।

रितिका को यह सफलता उनके दूसरे प्रयास में मिली है। रितिका बताती है कि जिस वक्त वह यूपीएससी की तैयारी कर रही थी उनके पिता कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहे थे।

लेकिन इन चुनौतियों के बावजूद वह अपनी तैयारी जारी रखी और हर UPSC की तैयारी करने वाले कैंडिडेट्स के लिए एक प्रेरणा है।

परिचय :

रितिका जिंदल का जन्म पंजाब के मोगा जिले में एक साधारण परिवार में हुआ था। वह बचपन में ही पढ़ने में काफी मेधावी थी।

वह शुरुआत से लेकर उच्च शिक्षा तक हमेशा टॉप करती रही। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में ऋतिक ने बहुत अच्छे मार्क्स लाये।

इंटर की पढ़ाई के बाद रितिका दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन में एडमिशन लिया और अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। उन्होंने अपने ग्रेजुएशन में टॉप किया था।

रितिका  बचपन से ही आईएस बनने का सपना देखती थी। इसलिए ग्रेजुएशन पूरा करने के तुरंत बाद ही रितिका ने अपनी तैयारी यूपी एस सी के लिए शुरू कर दी।

रितिका का UPSC का सफर :

रितिका जिंदल हमेशा से पढ़ाई में बहुत ही अच्छी थी। इसलिए वो बचपन से ही आईएएस बनने का सपना देखती थी। वह जानती थी कि उन्हें IAS बनना है।

वह ग्रेजुएशन के बाद रितिका ने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। लेकिन जिस वक्त वह अपनी तैयारी शुरू की थी उसी वक्त उनके पिता कैंसर बीमारी से लड़ रहे थे।

लेकिन इन चुनौतियों के बावजूद रितिका पूरी इमानदारी के साथ अपनी तैयारी करती रही। वह मुश्किल से खुद को संभाली और अपनी तैयारी जारी रखी।

पहली ही बार में रितिका इंटरव्यू तक पहुंची लेकिन कुछ मार्क्स कम होने की वजह से रितिका का नाम फाइनल लिस्ट में नहीं आया।

तब उन्होंने खुद का अपना अवलोकन किया और अपनी कमियों को सुधारा और फिर से प्रयास किया। दूसरे प्रयास में रितिका 80 रैंक हासिल करके आईएएस बनने का अपना सपना पूरा किया।

UPSC कैंडिडेट्स को सलाह :

ता दें कि हर साल करीब 5-6 लाख लोग यूपीएससी की परीक्षा में बैठते हैं। जिनमें से कुछ गिनती के लोगों को आईएएस के लिए चुना जाता है। रितिका यूपीएससी के कैंडिडेट तीन सलाह को देती हैं।

  • जिंदगी में आने वाली चुनौतियों का डटकर सामना करें। उनसे डरे नहीं और अपने लक्ष्य को पाने के लिए लगातार अपनी कोशिश करते रहे।
  • यूपीएससी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को हमेशा इमोशनल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल सोच समझ कर करना चाहिए। उन्हें भावनात्मक रूप से कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनना चाहिए। अगर आप भावनात्मक रूप से कमजोर होकर असफलता से घबरा जाएंगे तो लक्ष्य को हासिल करने में मुश्किल होगी और पढ़ाई में फोकस करना मुश्किल हो जाएगा।
  • रितिका यूपीएससी के कैंडिडेट्स को तीसरी सैलरी देती हैं कि असफलता से कभी भी निराश नहीं होना चाहिए। बल्कि असफलता मिलने पर अपना अवलोकन करके अपनी कमियों को देखना चाहिए और अगले प्रयास में अपनी कमियों को सुधार के बेहतर परफॉर्मेंस करने की अपनी पूरी कोशिश करनी चाहिए।

रितिक जिंदल कहती है हमेशा अपनी असफलता से सीख लेनी चाहिए। अगर व्यक्ति अपनी असफलता से सीख लेता है और ऊपर बताई गई तीनों बातों का ध्यान रखता है। तब उसके लिए यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त करना आसान हो जाता है।

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