CA जैसा कैरियर छोड़कर शुरू किया अपना Busines आज है Turnover of 80 crores

सीए जैसा कैरियर छोड़कर शुरू किया अपना बिजनेस आज है 80 करोड़ों का टर्नओवर

CA जैसा कैरियर छोड़कर शुरू किया अपना बिजनेस आज है Turnover of 80 crores । किसी भी देश की राष्ट्र अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में रोजगार सृजन के काम महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

ऐसे बहुत कम ही लोग होते हैं जो अपनी Quit job अपने साथ-साथ दूसरे को लिए भी रोजगार के सृजन हेतु प्रयास करते हैं और उधमिता को अपना आते हैं, जो कि एक Risky employment है।

आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे शख्स की जिसने Chartered Accountancy (CA) की डिग्री हासिल की और यूपीएससी की परीक्षा दी और इसके बाद मसाले के व्यापार करने का निश्चय किया और सफलता के झंडे गाड़े।

आज की यह कहानी है अहमदाबाद के रहने वाले Vinay Jain की, जिन्होंने Chartered Accountancy की डिग्री हासिल की है और चार्टर्ड अकाउंटेंसी की डिग्री को दरकिनार करके उन्होंने मसालों को बेचने का रोजगार अपनाया।

लेकिन शुरू में उनके लिए यह आसान नही था, लेकिन उनके मन में कुछ बड़ा करने का संकल्प था और नतीजा यह है कि आज वह एक सफल बिजनेसमैन के रूप में सामने हैं और अपने साथ-साथ उन्होंने कई सारे लोगों को रोजगार देने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

विनय के पिता दवाई की buy Sell business किया करते थे। विनय बचपन से ही एक प्रतिभावान छात्र थे और खेलों में भी बेहतरीन प्रदर्शन करते थे।

अपनी Primary education पूरी करने के बाद उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंसी की पढ़ाई की जिसे भारत में एक चुनौतीपूर्ण शैक्षिक योग्यता के रूप में जाना जाता है। उसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की अपने पहले प्रयास में वह UPSC में असफल हो गए।

तब उन्होंने अपने लिए एक और मुश्किल भरा विकल्प 2014 में चुनाव और यहां पर उन्होंने खुद को साबित करने का फैसला किया। यह विकल्प था खुद का व्यवसाय शुरू करना।

विनय ने 2014 से अप्रैल 2015 तक व्यवसाय के लिए विभिन्न वस्तुओं का पता लगाने के लिए देश भर की यात्रा की और फरवरी 2015 में उन्होंने अपनी कंपनी शुरू करने की सारी औपचारिकताओं को पूरा करके अपनी कंपनी का नाम “Kore International” रख दिया।

एक साल की रिसर्च के बाद उन्होंने लिया फैसला किया कि वह मसालों का व्यापार करेंगे जो कि High quality वाले होंगे।

मसालों का व्यापार एक नया क्षेत्र था और इस कारोबार से संबंधित सभी मूलभूत आवश्यकताओ को समझने के लिए उन्हें थोड़ा समय लगा लेकिन जल्द ही वह इसमें एक्सपर्ट हो गए और आगे बढ़ कर उन्होंने विभिन्न खरीदारों और विक्रेताओं से इसके लिए संपर्क किया।

विनय बताते हैं कि शुरू में उन्हें मसालों के बारे में कोई ज्ञान नही था लेकिन आज उन्हें लगभग हर मसाले का 90% ज्ञान हासिल हो गया है ।

विनय ने सिर्फ 7 महीने में अपना पहला बल्क ऑर्डर 64 लाख का लिया था। विनय आज वस्तुओं का आयात कर International Baccalaureate पर ग्राहक बनाने में कामयाब हो गए हैं।

एक बार उन्होंने काजू का आयात करके एक बार भारतीय खरीददार को इसे बेचा और सौदे के भुगतान में काफी ज्यादा लंबा समय लग गया तो अपने उस ग्राहक से पैसों के लिए लड़ने की बजाय वो खरीद के लिए भुगतान को योजनाबद्ध किया और आज वह ग्राहक विनय के प्रमुख ग्राहकों में से एक है।

विनय का कहना है कि बिजनेस में सफलता 60% तक संचार कौशल पर निर्भर करती है। उन्हें लगता है कि बिजनेस में सफलता हासिल करने के लिए हर किसी में अच्छा संचार कौशल (Communication skills) होनी चाहिए।

विनय ने बाजार में उतार-चढ़ाव देखे और नुकसान भी उठाया है लेकिन उन्होंने कभी भी वस्तुओं की गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नही किया।

विनय को अपने पिता से एक सीख मिली कि यदि आप बाजार में बड़ा बनना चाहते हैं तो एक रुपए कम चार्ज करें और अपने ग्राहक को एक रुपये ज्यादा के बेहतर गुणवत्ता प्रदान करें और इसी के साथ आज उनके ग्राहक उनके साथ हैं।

आज विनय की कंपनी कोरे एग्रो का पेरू और चीन में भी International office है और भारत में इसे एक स्टार एक्सपोर्ट हाउस के रूप में भी मान्यता मिल गई है।

शुरू में उन्होंने परिवार और अपने दोस्तों की मदद से इस कंपनी को शुरू किया था और आज यह देश का सबसे बड़ा एक्सपोर्ट हाउस के रूप में विकसित हो गया है।

वित्तीय वर्ष 2019-20 में कोरे एग्रो ने 80 करोड़ से अधिक का कारोबार किया है और Corona virus epidemic से उबरने के बाद विनय का लक्ष्य 100 करोड टर्नओवर का है।

इस कहानी से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि कोई भी बिजनेस शुरू करने के लिए पर्याप्त रिसर्च करें और उसके बाद अपना बिजनेस शुरू करें। इसके लिए कोई भी जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है। ठहरे और खुद को समय दें और वास्तव में पता करें कि आप को किस चीज में रुचि है और उसके बारे में रिसर्च करें। उसके बाद पूरी दृढ़ता के साथ अपने लक्ष्य को हासिल करने में लग जाएं।

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